Tuesday, September 24, 2013

उदार हूँ, मौत तुझसे

१. 

मौत नहीं है
खुद, चुन न पाना साँसों का मतलब। 
मौत नहीं है 
देख, नहीं पाना ख्वाब कोई या ले पाना एक झपकी। 
मौत नहीं है 
सज जाना कब्रों की कतार में, बन एक शानदार मज़ार।  
 
मौत नहीं है, ये कविता। 

२. 

उदार हूँ, मौत तुझसे। 
उम्मीद नहीं, 
उदारता की तुमसे। 

३. 

अकेलापन, भी नहीं है मौत। 

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